Present - The Foundation of Future

एक राज्य में एक साधारण व्यक्ति, रामलाल के पास एक अनोखा घोड़ा था| उसके जैसा दूसरा घोड़ा पूरे राज्य में नहीं था | आसपास के राज्यों में भी वैसा घोड़ा नहीं था सभी लोग घोड़े की खूब तारीफ करते थे| सभी रामलाल से कहते-" घोड़ा तो बहुत तेज है, वह सरपट दौड़ता है, हवा से बातें करता है |" रामलाल यह बातें बातें सुनकर खीझ जाता है | एक दिन राजा ने रामलाल को दरबार में बुलाया, और घोड़े को उसे दे देने की बात की |  रामलाल को मुंह मांगी कीमत देने का वादा भी किया, परंतु रामलाल ने मना कर दिया | उसने साफ-साफ राजा को बोला कि उसे पैसे नहीं चाहिए, और वह घोड़ा भी नहीं देगा| फिर लोगों ने उसे भला-बुरा कहा, समझाया उसे मूर्ख इत्यादि कहकर संबोधित किया| रामलाल ने जवाब दिया कि वह ऐसा ही है|  उसे कुछ फर्क नहीं पड़ता था कि लोग क्या कहते थे | एक दिन उसका घोड़ा भाग गया | 

लोग उसके पास आए और बोले देखो, तुम्हारा घोड़ा भाग  गया |  राजा को घोड़ा  दे दिया होता तो अच्छा होता | तुम्हें बहुत नुकसान हो गया|  रामलाल बोलै -" घोड़े के भागने से उसे फर्क नहीं पड़ता |"  घोड़ा भाग गया तो भाग गया, अगर भाग गया तो कुछ अच्छा ही होगा | सभी उसकी बातें सुनकर आश्चर्य चकित हो जाते |  कुछ दिन बाद उसका घोड़ा वापस आ गया | परंतु घोड़ा अपने साथ दस  और घोड़ों  को लेकर आया |  सभी घोड़े उसके ही समान हवा से बातें करने वाले थे |  फिर, लोगों ने उसके भाग्य की सराहना की| वह बोले रामलाल, तुम तो बहुत भाग्यशाली हो, तुम तो जानते थे कि तुम्हारा घोड़ा बहुत अच्छा है| वह  कुछ अच्छा ही करेगा |  रामलाल इन सभी बातों को सुनकर हमेशा की तरह खीझ गया | परंतु, वह  कभी परेशान नहीं होता था | 

  फिर, एक दिन रामलाल के लड़के की  दोनों टांग टूट गई | लोग  उसके घर आए और अपना दुख प्रकट किया | रामलाल फिर बोला, जो हुआ अच्छा हुआ | यह बात सुनकर सभी बोले - "रामलाल तुम बहुत कठोर दिल  वाले हो | " 

कुछ महीनों बाद, पड़ोसी राज्यों के साथ लड़ाई लग गई |  राज्य के सभी युवाओं को युद्ध में जाना पड़ा|  बहुत युवा युद्ध में मारे गए | सभी के घरों में मातम छाया हुआ था   |  दुख का माहौल था परंतु रामलाल का लड़का घर पर ही रहा, क्योंकि उसकी टांगे टूटी थी | अपाहिज  लोगों की कोई जरूरत युद्ध में नहीं थी | सभी ने कहा- " रामलाल, तुम तो ठीक ही कहते थे, सब कुछ ठीक ही होता है |" 

रामलाल बोला - " जीवन में बहुत संघर्ष है, हमें संघर्ष से लड़ने के लिए शांत रहना जरुरी है | मन शांत होना चाहिए, हलचल नहीं | तभी, हम संघर्ष पर विजय प्राप्त कर सकते हैं | अगर वर्तमान समय में, हमारे अंतर मन में शांति नहीं है, तो भविष्य में शांति कैसे हो सकती है| अगर वर्तमान शांत है, तो भविष्य भी खुशहाल ही होगा |

In a kingdom, Ramlal an ordinary man had a unique horse. There was no other horse like him in the whole state. There was no such horse even in the surrounding states, everyone used to praise the horse a lot. Everyone used to say to Ramlal - "The horse is very fast, it gallops, and it talks with the wind." Ramlal gets annoyed hearing these things. One day the king called Ramlal to the court and asked him to give the horse to him. He also promised Ramlal the asking price, but Ramlal refused. He clearly told the king that he did not want the money, and he would not give the horse either. Then people addressed him as a fool etc. Ramlal replied that he was like that. It didn't matter to him what people said. One day his horse ran away. People came to him and said his horse ran away. It would have been better if the horse had been given to the king. You have suffered a lot. Ramlal said that it didn't matter if the horse ran away. If the horse ran away then it ran away, if it ran away then something good would happen. Everyone would have been surprised to hear his words. After a few days, his horse came back. But the horse brought ten more horses with it. All the horses were like him, talking to the wind. Then, people appreciated his fortune. He said to Ramlal, "you are very lucky, you knew that your horse was very good. He will do something good. Ramlal got irritated as usual after hearing all these things. But, he was never upset.

   Then, one-day Ramlal's boy broke his both legs. People came to his house and expressed their sorrow. Ramlal again said, whatever happened is good. Hearing this, everyone said - "Ramlal, you are very hard-hearted." He was again annoyed at the very comments given by people.

A few months later, a war broke out with the neighboring kingdoms. All the youth of the state had to go to war. Many young people died in the war. There was mourning in everyone's homes. There was an atmosphere of sadness, but Ramlal's son stayed at home because his legs were broken. There was no need for handicapped people in the war. Everyone said- "Ramlal, you were right in saying, whatever happens, there is something good within." 

Ramlal said - "There is a lot of struggle in life, we need to be calm to fight the struggle. The mind should be calm, not agitated. Only then, we can overcome the struggle. If in the present moment, we don't have peace in our inner mind then how can there be peace in the future? If the present is peaceful, so the future will also be happy.




















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