Jeevan ka Lakshya
एक छोटा सा राज्य था, वहां की जनता बहुत सुखी थी| राजा भी बहुत जनता प्रेमी एवं खुले दिल वाला था, परंतु वहां राजा राजकीय परिवारों से नहीं आता था, वरन राजा का कार्यकाल 5 वर्षों का होता था और उसके बाद एक नए राजा का चयन होता था| यह चयन प्रक्रिया बड़ी ही अद्भुत होती थी | एक भव्य सभा का आयोजन किया जाता था | सभी राजदरबारी साहूकार एवं आम जनता इस सभा में सक्रिय रूप से हिस्सा लेते थे, गरीब से गरीब भी इस सभा का सदस्य होता था | ऐसी, इस सभा को देख एक भिखारी ने पूछा भाई यहां क्या हो रहा है, एक व्यक्ति ने बताया कि यह सभा राजा के चयन के लिए रखी गई है| इसकी प्रक्रिया यह है , कि एक हाथी माला लेकर जाता है एवं किसी एक को वह माला पहना देता है, जिसके गले यह माला होती है, वह इस राज्य का राजा बन जाता है | यह सुनकर भिखारी के मन में भी उत्साह आ गया , वह सोचा कि वह भी अपना भाग्य आजमा सकता है | उसे भी राजा बनने का मौका मिल सकता है , हो ना हो, वहां वह इसीलिए आया है
कि वह राजा बन जाए, अपने भाग्य के भरोसे वह भी उस सभा का हिस्सा बन गया | देखते ही देखते हाथी माला लेकर सभा की एक तरफ से आने लगा, सभी अपनी आंखों में बड़ी उत्सुकता लिए हाथी की ओर देख रहे थे | अचानक हाथी उस भिखारी के सामने आया, और उसे ही माला पहना दिया | भिखारी का भाग्य पूरा चमक गया, वह राजा बन गया , परंतु राजा बनने से पहले उसके सामने कुछ शर्ते रखी गई थी | पांच वर्ष पूरे होने के पश्चात् उसे एक बड़ी सी नदी पार करनी होगी उस नदी मे अनेक विषैले जानवर, मगरमच्छ इत्यादि होते हैं, अगर वह बच गया तो उस पार एक सुंदर गांव है, वहां वह अपना भरण-पोषण अच्छी तरह संतुष्ट एवं सुख शांति से कर सकता है | वहां कोई अभाव नहीं है | भिखारी थोड़ी देर के लिए सोच में पड़ गया , तत्पश्चात उसने सोचा 5 वर्ष तक तो वह राजा रहेगा आगे जो होगा वह देखा जाएगा | वह पूरे 5 वर्षों तक राजा बना रहा | अपना राजपाट चलाता रहा, पूरी जनता सुखी रही, सभी समृद्धि एवं शांति में थे | तथा सभी राजा को अपना पिता मानते एवं राजा भी अपना सब कुछ प्रजा के ऊपर न्योछावर करता | 5 वर्ष पूरे हो गए | अब वह दिन आया, जब राजा को अपना राज्य त्याग, नदी के उस पार जाना था | सभी का हृदय एवं दुख से कांपने लगा, आंखों से आंसू दिन-रात बहते रहे, राजा भी बिछड़ना नहीं चाहता था | परंतु राजा ने एक कार्य बहुत अच्छा किया, कि उसने उस नदी पर पुल बनवा दिया था | वह नदी नदी तो आसानी से पार हो गया, दूसरे गांव में भी समृद्धि का जीवन बिताने लगा|
परंतु देखना यह है कि क्या आपने अपने जीवन के 5 वर्ष वा पूरा शैक्षिक जीवन कैसे बताते हैं? आपको भी अपनी प्रजा अर्थात अपने कर्म स्थल, किताबों, माता-पिता एवं शिक्षक गणों से कितना प्यार है| एवं जीवन में अनुशासन है ? क्या आपने अपने इस छोटी सी अवधि में वह पुल बनाया है जिससे आपका भविष्य का जीवन समृद्धि सुख शांति से गुजरे|
There was a small state, and the people there were very happy. The king was also very public-loving and open-hearted, but there the king did not come from the royal family, but the term of the king was for 5 years and after that, a new king was selected. This selection process used to be amazing. A grand gathering was organized. All the royal courtiers, moneylenders, and the general public used actively participated in this meeting, even the poorest of the poor was a member of this meeting. , seeing this meeting, a beggar asked a man what was happening there, and a person told him that this meeting has been kept for the selection of the king. Its process is that an elephant takes a garland and wears that garland to someone, who has this garland around his neck, he becomes the king of this kingdom. Hearing this, the beggar also got excited, he thought that he too can try his luck. He may also get a chance to become king, may or may not, that's why he has come there
That he should become the king, depending on his fate, he also became a part of that meeting. As soon as the elephant started coming from one side of the assembly with the garland, everyone was looking at the elephant with great curiosity in their eyes. Suddenly the elephant came in front of that beggar and garlanded him. The beggar's fortune shone completely, and he became a king, but before becoming a king some conditions were placed in front of him. After the completion of five years, he has to cross a big river, there are many poisonous animals, crocodiles, etc. in that river, if he survives then there is a beautiful village on the other side, where he can live his life well satisfied and happy. can do from There is no lack. The beggar got into thinking for a while, then he thought that he would remain the king for 5 years, and what would happen next would be seen. He remained the king for full 5 years. He continued to run his kingdom, the entire public remained happy, and all were in prosperity and peace. And everyone considered the king as their father and the king also used to sacrifice everything for the people. 5 years have been completed. Now the day has come when the king had to leave his kingdom and go to the other side of the river. Everyone's heart started trembling with sorrow, tears kept flowing from their eyes day and night, and even the king did not want to be separated. But the king did a very good thing, that he built a bridge over that river. He crossed the river easily and started living a prosperous life in another village as well.
But it has to be seen whether you have described 5 years of your life or your entire educational life? You also have so much love for your subjects, that is, your place of work, books, parents, and teachers. And is there discipline in life? Have you built that bridge in this short period of your life so that your future life can pass through with prosperity, happiness, and peace?
Wow great
ReplyDeleteReally. Said well
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